संत की महिमा वेद ना जाने मन मेरो पंछी भयो, उड़न लाग्यो आकाश । स्वर्ग लोक खाली पड्यो, साहिब संतन के पास ।।
भारत के संत श्री आशारामजी बापू आत्मज्ञानी संत हैं, जो मानवमात्र मे एक सच्चिदानंद इश्वर के अस्तित्व का उपदेश देते है
Sant Shri Asharamji Bapu is a Self-Realized Saint from India, who preaches the existence of One Supreme Conscious in every human being.
Friday, December 30, 2011
तुम्हारे स्वरूप के भय से चांद सितारे भागते है
तुम्हारे स्वरूप के भय से चांद सितारे भागते है, हवाऍं बहती है, मेघ वर्षा करते है, बिजलियां चमकती है, सूरज रात और दिन बनाता है, ऋतुऍं समय पर अपना रंग बदलती है, उस आत्मा को छोड़कर औरों से कब तक दोस्ती करोगे...... ?
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