Friday, March 2, 2012

परमात्मा जब अपने साधक को अपनी दिव्य अनुभूति में उड़ान भरवाते हैं तब उसको चारों तरफ से विघ्न-बाधाएँ देते हैं ताकि उसका विचारबल, मनोबल, समझशक्ति एवं आत्मशक्ति बढ़ जाये ।


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