Wednesday, February 29, 2012

आनन्द से ही सबकी उत्पत्ति, आनन्द में ही सबकी स्थिति एवं आनन्द में ही सबकी लीनता देखने से आनन्द की पूर्णता का अनुभव होता है | 
Pujya asharam ji bapu 

1 comment:

  1. संत की महिमा वेद ना जाने
    मन मेरो पंछी भयो, उड़न लाग्‍यो आकाश । स्‍वर्ग लोक खाली पड्यो, साहिब संतन के पास ।।
    भारत के संत श्री आशारामजी बापू आत्मज्ञानी संत हैं, जो मानवमात्र मे एक सच्चिदानंद इश्वर के अस्तित्व का उपदेश देते है
    Sant Shri Asharamji Bapu is a Self-Realized Saint from India, who preaches the existence of One Supreme Conscious in every human being.

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