Friday, December 30, 2011

तुम्‍हारे स्‍वरूप के भय से चांद सितारे भागते है

तुम्‍हारे स्‍वरूप के भय से चांद सितारे भागते है, हवाऍं बहती है, मेघ वर्षा करते है, बिजलियां चमकती है, सूरज रात और दिन बनाता है, ऋतुऍं समय पर अपना रंग बदलती है, उस आत्‍मा को छोड़कर औरों से कब तक दोस्‍ती करोगे...... ?

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