Sunday, January 1, 2012


यो गुरु स शिवः प्रोक्तो, यः शिवः स गुरुस्मृतः |
विकल्पं यस्तु कुर्वीत स नरो गुरुतल्पगः ||
जो गुरु हैं वे ही शिव हैं, जो शिव हैं वे ही गुरु हैं | दोनों में जो अन्तर मानता है वह गुरुपत्नीगमन करनेवाले के समान पापी है |
(श्री गुरुगीता)
Pujya asharam ji bapu

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